English Grammar tips in Hindi

English Grammar tips in Hindi

English Grammar tips in Hindi 

English Grammar आपके लिए कितना महत्वपूर्ण हैं यह आपको बताने आवश्यकता नहीं हैं | English Grammar सीखे बिना आपको अंग्रेजी भाषा को सीखना बहुत ही मुस्किल हैं इसलिए आज हमने आपको इंग्लिश ग्रामर सिखने हेतु कुछ टिप्स आपको दिए हैं | 

English Grammar tips in Hindi

समृद्ध भाषा ज्ञान के लिए Grammar जानना जरूरी है। Young learners को इसके लिए प्रेरित करना कई बार अभिभावकों के लिए कठिन काम बन जाता है। 

बच्चा जब Grammar के अध्ययन में मन नहीं लगाता तो Parents अपने आप को परेशान महसूस करने लगते हैं और बच्चों के मानसिक विकास का स्तर एवं उसके परिवेश से संबंधित बुद्धि एवं ज्ञान के विषय में जाने बिना बच्चों को डाँटना-फटकारना शुरू कर देते हैं। दरअसल अन्य कला-कौशल की तरह ही व्यक्ति में Grammar सीखने की प्रक्रिया बुद्धि एवं मानसिक विकास पर निर्भर करती है। 

क्या है Grammar ज्ञान सीखने की प्रक्रिया -

बच्चों में किसी भाषा को सीखने की प्रक्रिया जन्म के बाद से ही आरम्भ हो जाती है। दो-तीन साल का बच्चा बिना Grammar जाने ही अपनी मातृभाषा में बातें करने लगता है। लेकिन वयस्क होने की प्रक्रिया के साथ-साथ परिवेश या विषय से संबंधित तमाम भावों को सही एवं सटीक व्यक्त करने के लिए Grammar की जरूरत धीरे-धीरे पड़ने लगती है। 

यहाँ गौर करने की बात यह है कि Young learners में Grammar ज्ञान को आत्मसात करने की प्रक्रिया परिवेश के अनुरूप अध्ययन सामग्री की उपलब्धता पर निर्भर करती है। इसके साथ ही मानसिक विकास की भिन्नता भी भाषा-ज्ञान/Grammar ज्ञान को प्रभावित करने वाला कारक है।  

English भाषा ज्ञान को समृद्ध करने हेतु बच्चों को प्रेरित करने से पूर्व अभिभावकों एवं शिक्षकों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि वे बच्चों के साथ उनकी मनोदशा के अनुरूप व्यवहार करें।  

Grammar ज्ञान/भाषा ज्ञान के संदर्भ में कुछ बातें-

  • भाषा ज्ञान/Grammar ज्ञान उम्र बढ़ने के साथ चलने वाली प्रक्रिया है। 
  • रूचिकर अध्ययन सामग्री सीखने की प्रक्रिया को बढ़ाता है। 
  • किसी विषय या अन्य कला-कौशल में सुविज्ञता हासिल करने की तरह ही Grammar एवं भाषा ज्ञान परिवेश के अनुकूल होना चाहिए।

Grammar ज्ञान बढ़ने से भाषा-ज्ञान बढ़ता है। कैसे? 

आमतौर पर किसी भी व्यक्ति में बुद्धि जन्मजात होती है जबकि कला-कौशल एवं ज्ञान को Direct या Indirect रूप से अर्जित किया जाता है। ज्ञानोपार्जन अथवा भाषा में सुविज्ञता परिवेश पर भी काफी कुछ निर्भर करता है। ध्यान रहे कि Grammar की जानकारी व्यक्ति की भाषा-शैली एवं लेखन में परिलक्षित होती है। 

इसकी जानकारी भाषा-ज्ञान को बढ़ाने में उत्प्रेरक की भूमिका निभाता है। वस्तुत : Grammar एक साधन है और भाषा साध्या Grammar एक रास्ता है तो भाषा में प्रवीणता एक मंजिला इस तथ्य को प्रत्येक छात्रों एवं अभिभावकों को ध्यान में रखना चाहिए।

अंत में सवाल उठता है क्या करें? 

  • Grammar ज्ञान को बढ़ाने के लिए सही पुस्तक का चयन।
  • भ्रमित करने वाले पुस्तकों से बचाव। Grammar के नियमों को उदाहरण सहित समझना एवं Similar उदाहरण अपने परिवेश में ढूंढ़ना। यह प्रयास मानसिक या लिखित तौर पर किया जा सकता है। 
  • अंत में उत्तर का मिलान करें और देखें कि आपने क्या सीखा? - नये शब्दों का उच्चारण करें एवं अर्थ जानें।
  • रोज English में कुछ न कुछ लिखें। 
  • आशा है इन बातों को ध्यान में रखकर आप Grammar ज्ञान को बढ़ाते हुए English में बेहतर तरीके से बोल एवं लिख सकते हैं।  

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